चलते रहेंगे क़ाफ़िले

चलते रहेंगे क़ाफ़िले मेरे बग़ैर भी यहाँ. एक तारा टूट जाने से, फ़लक़ सूना नहीं होता…

दिसंबर करीब है

उदास शामें, तनहा रातें, दिल की हालत अजीब है… … सुनों… लौट आओ मेरे हमदम, दिसंबर करीब है…!!!

की थी मैंने मोहब्बत से तौबा

आज फिर की थी मैंने मोहब्बत से तौबा, आज फिर उनकी तस्वीर देख कर नियत बदल गई।

मासूमियत

मासूमियत का इससे पवित्र प्रमाण कहीं देखा है ???? एक बच्चे को उसकी माँ मार रही थी और बचाने के लिये बच्चा माँ को ही पुकार रहा था…

मोहब्बत तो तलब की राह

मोहब्बत तो तलब की राह में इक ऐसी ठोकर है के जिस से ज़िंदगी की रेत में ज़मज़म उबलते है

अपने कदमो के निशान

अपने कदमो के निशान अब मेरे रास्ते से हटा दो,, कहीं ये ना हो कि मैं चलते चलते तेरे पास आ जाऊं !!

जिस दिन तुम्हारी याद मुझ पर हावी होती है

जिस दिन तुम्हारी याद मुझ पर हावी होती है । न जाने क्यों वह रात बड़ी देर से गुजरती है !!

उनकी ही बज्म सही पै कहाँ का है दस्तूर

उनकी ही बज्म सही पै कहाँ का है दस्तूर.. इधर को देखना, देना उधर को पैमाने..!

किसी ने धूल क्या झोंकी आँखों में

किसी ने धूल क्या झोंकी आँखों में, . . . . . पहले से बेहतर दिखने लगा है।

सवाल ही पैदा नहीं होता

वो जवाब मांगते हैं कि हमें भूल तो नही जाओगे…? जवाब मैं क्या दूँ , जब सवाल ही पैदा नहीं होता..

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