खुद के रोने की

खुद के रोने की सिसकियाँ अब सुनाई नही देती …. हमनें आँसुओं को भी डांट कर समझा रखा है .

हिसाब करते भी

हिसाब करते भी किसी बात कैसे उनसे, वो मुस्कुरा देते है, होश जाने कहा जाता है?

मुझ पे हंसने की

मुझ पे हंसने की, ज़माने को सजा दी जाये; मैं बहुत खुश हूँ, ये अफवाह उड़ा दी जाये!

किसकी खातिर अब

किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल.. अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई !

कुछ नहीँ था

कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को, जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ..

तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है

तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास, लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको..!!

सिर्फ मोहब्बत ही

सिर्फ मोहब्बत ही ऐसा खेल है.. जो सिख जाता है वही हार जाता है..

ज़ख़्म दे कर ना

ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो, दर्द की शिद्दत, दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा क्या !!

मत तोल मोहब्बत मेरी

मत तोल मोहब्बत मेरी अपनी दिल्लगी से…. चाहत देखकर मेरी अक्सर तराज़ू टूट जाते है

हम वही हैं

हम वही हैं,बस ज़रा ठिकाना बदल लिया है तेरे दिल से निकलकर अब ख़ुद में रहते हैं |

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