किस किस तरह से छुपाऊँ तुम्हें मैं, मेरी मुस्कान में भी नज़र आने लगे हो तुम..
Tag: प्यारी शायरी
महसूस कर रहें हैं
महसूस कर रहें हैं तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से… याद रखना अगर हम बदल गये तो, मनाना तेरे बस की बात ना होगी !!
गले ना सही
गले ना सही ना मिलिए, अदब की बात है,आदाब तो बनता है…
बड़ी अजीब सी है
बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी, उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है।
इस दुनिया मेँ
इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है.. लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !
ख़त जो लिखा मैनें
ख़त जो लिखा मैनें इंसानियत के पते पर, डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते..
हर बार बोला
हर बार बोला जाये ये जरूरी तो नहीं हर राज़ खोला जाये ये जरूरी तो नहीं हरेक ख़ामोशी भी बयां करती है दर्पण हर लफ्ज़ तोला जाये ये जरूरी तो नहीं।
आशियाने बनाए भी
आशियाने बनाए भी तो कहाँ बनाए जनाब…. ज़मीने महँगी होती जा रही है और दिल में जगह लोग देते नहीं है|
काश दर्द के भी पैर होते
काश दर्द के भी पैर होते, थक कर रुक तो जाते कहीं
क्या क़यामत है
क्या क़यामत है के कू- ऐ-यार से हम तो निकले और आराम रह गया।