वर्षों का सफर खाक हुआ उस दिन

वर्षों का सफर खाक हुआ उस दिन…. . . जब उसनें पूँछ लिया … ” कहो कैसें आना हुआ ????

कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब

कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब टूटे, ना जाने कितने टुकड़ो में अरमान टूटे. हर टुकड़ा एक आइना हैं ज़िन्दगी का, हर आईने के साथ लाखों जज़्बात टूटे..

बहुत अजीज़ है मुश्किल में डालने वाला

नज़र से दिल में मुहब्बत उतारने वाला.. बहुत अजीज़ है मुश्किल में डालने वाला..

तुझें भूलना भी एक तरीके की जीत हैं मेरी

तुझें भूलना भी एक तरीके की जीत हैं मेरी क्यूँकि इतनी मेहनत मैंने तुझे पाने के लिए भी नहीं की थी

क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने

क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने को, कभी मेरी आँखों में ठहर के देखो ये बेइंतहा बरसती हैं…!!!

फिक्र तब होती है जब

जुबाँ न भी बोले तो, मुश्किल नहीं… फिक्र तब होती है जब… खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।।

होंगी कुछ उनकी भी मजबूरियाँ

होंगी कुछ उनकी भी मजबूरियाँ, यूंही कोई हमेशा ऑफलाइन नहीं होता…!!!

लम्बी लम्बी बातें

तुम्हें याद हैं वो तुमसे हुई लम्बी लम्बी बातें, या हमारे साथ साथ उन्हें भी भूला दिया…!!!

थी हर इक बात

थी हर इक बात, जिस बात से बात वो भी भुलानी पड़ी

नफरत करने वाले भी

नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं मुझसे… जब भी मिलते हैं कहते हैं तुझे छोड़ेंगे नहीं…।।

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