बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे|
Tag: जिंदगी शायरी
रात भर भटका है
रात भर भटका है मन मोहब्बत के पुराने पते पे । चाँद कब सूरज में बदल गया पता नहीं चला ।।
मरने अगर न पाई
मरने अगर न पाई तो ज़िन्दा भी कब रही .. तन्हा कटी वो उम्र जो थी तेरे साथ की …
कुछ ऐसी भी
कुछ ऐसी भी गुज़री हैं तेरे हिज्र में रातें दिल दर्द से ख़ाली हो मगर नींद न आए
हर रात कुछ खवाब
हर रात कुछ खवाब अधूरे रह जाते हैं… किसी तकिये के नीचे दबकर अगली रात के लिये….
एक अरसे से
एक अरसे से मुयासिर ही नहीं है वो लफ्ज़ , जिसे लोग करार कहते हैं …!!
सिर्फ महसूस किये जाते हैं
सिर्फ महसूस किये जाते हैं; कुछ एहसास कभी लिखे नहीं जाते..।।
तुम तो डर गए
तुम तो डर गए एक ही कसम से..! हमें तो तुम्हारी कसम देकर हजारो ने लूटा है..!
किसी भी मौसम मे
किसी भी मौसम मे खरीद लीजिये जनाब… मोहब्बत के जख्म हमेशा ताजे ही मिलेगें…!
यूँ ना हर बात पर
यूँ ना हर बात पर जान हाजिर कीजिये, लोग मतलबी हैं कहीं मांग ना बैठे…!!!