काफी दिनों से, कोई नया जख्म नहीं मिला; पता तो करो.. “अपने” हैं कहां ?
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अलविदा कहने में
अलविदा कहने में उसने जिंदगी का एक पल खोया…. हमने एक पल में पूरी जिंदगी खो दी|
बेइंतेहा प्यार करते है
बेइंतेहा प्यार करते है हम आप से, पर इज़हार ना करेंगे कभी|
दिल में ना जाने
दिल में ना जाने क्या क्या दबा रखा है अब वो ना मुस्कुराते है ना रोते है|
है तुमसे गुज़ारिश
है तुमसे गुज़ारिश आख़िरी, मिल जाओ मुझे तुम फिर पहली मोहब्बत की तरह|
एक वक़्त पर
सुबह शाम एक एक वक़्त पर दिख जाया करो मेरी जान,डॉक्टर ने कहा है दवा वक़्त पर लेते रहना|
तेरी किताब के
तेरी किताब के हर्फ़े, समझ नहीं आते। ऐ ज़िन्दगी तेरे फ़लसफ़े, समझ नहीं आते।। कितने पन्नें हैं, किसको संभाल कर रखूँ। और कौन से फाड़ दूँ सफ़हे, समझ नहीं आते।। चौंकाया है ज़िन्दगी, यूँ हर मोड़ पर तुमने। बाक़ी कितने हैं शगूफे, समझ नहीं आते।। हम तो ग़म में भी, ठहाके लगाया करते थे। अब… Continue reading तेरी किताब के
मुझे मालूम है
मुझे मालूम है ऐसा कभी मुमकिन ही नहीं, फ़िर भी हसरत रहती है कि तुम याद करोगे|
मैं ठहर गया
मैं ठहर गया वो गुज़र गया वो क्या गुज़रा,सब ठहर गया..
बेरुखी कभी किसी को
बेरुखी कभी किसी को जीत नही सकती, मौहब्बत सच्ची हो तो छोड़ जाने वाले भी लौट आते है !!