मेरे लहजे में जी हुजूर ना था

मेरे लहजे में जी हुजूर ना था इसके अलावा मेरा कोई कुसूर ना था अगर पलभर को भी में बे-जमीर हो जाता यकीन मानिये कब का वजीर हो जाता” !!!

बेटी होती है

“जो मम्मी, पापा को स्वर्ग ले जाये वह बेटा होता है” किंतु “जो स्वर्ग को घर में ले आये, वह बेटी होती है “

उस गरीब कि उम्मीदे भी क्या होगी

उस गरीब कि उम्मीदे भी क्या होगी…. जिसकी सांसे गुब्बारो मे बिकती है….

बिना हासिल किये किसी को चाहना

हासिल करके मुहोब्बत तो हर कोई कर सकता है.. बिना हासिल किये किसी को चाहना कोइ हमसे पूछे..

मैं ज़माने से नहीं हारा

ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है, मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है…

ऑफिस सरकारी हो या प्राइवेट

ऑफिस सरकारी हो या प्राइवेट.. चलता एक ही सिद्धांत पर है कि आपका बॉस आपको नालायक समझता है और आप उसे..!!

वो शाम जो अब तक उधार है

उसने पूछा कि कौन सा तोहफा है मनपसंद, मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है…

ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर

अब तक ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर के उस शख्स को, जो नज़र से खो गया है नज़र आने के बाद

तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन

तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन, अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद

मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद

बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद, मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद

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