शायद शायरों की बस्तियां

कम ही होते हैं जज़्बातों को समझने वाले… इसलिए शायद शायरों की बस्तियां नहीं होती…

यादों का बंधन तोड़ना

यादों का बंधन तोड़ना इतना आसान नहीं है दोस्त..! कुछ लोग दिलों में बस जाते हैं लहू की तरह..!!

ज़मीन मत छोडना

समने हो मंज़िल तो रास्ते ना मोडना, जो भी मन मे हो वो सपना ना तोडना, कदम कदम पे मिलेगी मुशकिल आपको, बस सितारे चुन-ने के लिये कभी ज़मीन मत छोडना

यह कैसी लगन

यह कैसी लगन तुने हमको लगा दी….. सोचा था प्यास बुझेगी तुने और बढ़ा दी….

आज पगली बरसों बाद

आज पगली बरसों बाद मिली तो गले लगकर खूब रोई.. जानते हो ये वही थी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारों मिलेंगे |

नशा हम किया करते है

नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है… कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है…

मत आया कर मेरे कब्र पे

मत आया कर मेरे कब्र पे फातिहा पढने अब तो सोने दे थक गया हू तेरा इंतज़ार करते करते|

सीने की धड़कन

यकीन करो मेरा ,लाख कोशिशें कर चुका हूँ मैं ! ना सीने की धड़कन रुकती है, ना तुम्हारी याद !!

फितरत में रह गई

कुछ यूँ हुवा हाल दिल्लगी में चोट खाकर… वफाए फितरत में रह गई और मोहब्बत से वास्ता न रहा..!!

सोचा था इस कदर उनको

सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे, देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे, पर जब जब सामने आया उनका चेहरा, सोचा एस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे……

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