घुटन सी होने

घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ गया हूँ, तुम्हे मनाते हुए.

थका दिया था

थका दिया था दोनों को ही किताबों ने.. एक पढ़कर सो गया..एक बेचकर..!!

किसी भी मुश्किल

किसी भी मुश्किल का अब किसको हल नहीं मिलता, शायद अब घरसे कोई मां के पैर छूंकर नहीं निकलता….

जीतने हंगामे थे

जीतने हंगामे थे सुखी टहनियों से झड़ गये पेड़ पर फल भी नहीं आँगन में पत्थर भी नहीं

नमक की तरह

नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है, इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े !

प्यार मे ताकत हैं

प्यार मे ताकत हैं दुनिया को झुकाने की… वरना क्या जरूरत थी राम को झूठे बेर खाने की…!!!

तरस जाओगे हमारे

तरस जाओगे हमारे लबों से सुनने को एक एक लफ़्ज़, प्यार की बात तो क्या हम शिकायत भी नहीं करेंगे

ये है ज़िन्दगी

ये है ज़िन्दगी किसी के घर आज नई कार आई और किसी के घर मां की दवाई उधार आई..

फिर से बचपन

फिर से बचपन लौट रहा है शायद, जब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ.!!

मेरी ऊंचाइयों को देखकर

मेरी ऊंचाइयों को देखकर हैरान है बहुत से लोग… ,पर किसी ने मेरे पैरों के छाले नहीं देखे…।

Exit mobile version