मैं पसंद करता हूँ उन लोगो को… जो मुझे पसंद नहीं करते…!!!
Tag: प्यार शायरी
कुछ कहा मैंने
ऐ उम्र ! कुछ कहा मैंने, पर शायद तूने सुना नहीँ.. तू छीन सकती है बचपन मेरा, पर बचपना नहीं..!! हर बात का कोई जवाब नही होता हर इश्क का नाम खराब नही होता… यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले मगर हर नशे का नाम शराब नही होता… खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते… Continue reading कुछ कहा मैंने
मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों
सोनेरी संध्या… उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो खर्च करने से पहले कमाया करो ज़िन्दगी क्या है खुद ही समझ जाओगे बारिशों में पतंगें उड़ाया करो दोस्तों से मुलाक़ात के नाम पर नीम की पत्तियों को चबाया करो शाम के बाद जब तुम सहर देख लो कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया करो अपने सीने… Continue reading मंज़िल कहाँ ऐसे वैसों
मेरे सात बेठ के
मेरे सात बेठ के टाइम भी रोया एक दिन केहने लगा बन्दा तु सही है मे हि खराब चल रहा हुं….
मां जो भी बनाए उसे
मां जो भी बनाए उसे बिना नखरे किये खा लिया करो क्युंकि दुनिया में ऐसे लोग भी है जिनके पास या तो खाना नही होता या मां नही होती ✏️
मेरी तक़दीर में एक
मेरी तक़दीर में एक भी गम न होता अगर तक़दीर लिखने का हक़ मेरी माँ को होता. .
एक दिन हम
एक दिन हम मिलेंगे सूखे गुलाबों में, बारिश की बूंदों में, कलम में, किताबों में ।।
हवाओं की भी
हवाओं की भी अपनी अजब सियासत है … कहीं बुझी राख……भड़का दे, कहीं जलते दीये बुझा दे……
अजीब शख्स हूँ
अजीब शख्स हूँ मैं, अजीब मिज़ाज़ में रहता हूँ.. … कर देता हूँ खुश सबको पर खुद उदास रहता हूँ ।
दर्द जब भी हुवा
दर्द जब भी हुवा इस क़दर हुआ.. के जेसे फिर कभी होना ही नहीं..!”