फिर पलट रही है

फिर पलट रही है सर्दियो की सुहानी शामें, फिर उसकी याद में जलने का ज़माना आ गया

इक तेरा हुस्न

इक तेरा हुस्न काफ़िराना था दूसरी और शराबखाना था, रास्ता इख़्तियार जो भी करता आज अपना इमान जाना था…..

पीना है तो पी

पीना है तो पी… पर इस तरह घर को मयखाना ना बना मयखाने को घर ना बना

अब तो यकीन करो

अब तो यकीन करो, मेरे इन आसूँओ को देखकर तुम..!! कि मुझे तुम्हारे सिवा किसी और से मोहब्बत ही नही…

Ek Ek saans uske

Ek Ek saans uske liye katlgah thi , Uska gunah itna tha ki wo Begunah thi.

आँख से आंसू

आँख से आंसू कैसे नीचे गिरने दूँ उसकी यादें मिटटी में मिल जाएँगी

बदलेँगे नहीँ ज़ज्बात

बदलेँगे नहीँ ज़ज्बात मेरे तारीखोँ की तरह… बेपनाह इश्क करने की ख्वाहीश उम्र भर रहेगी

जाने कितने झूले

जाने कितने झूले थे फाँसी पर,कितनो ने गोली खाई थी…. क्यो झूठ बोलते हो साहब, कि चरखे से आजादी आई थी….

मोहब्बत मै जबरदस्ती

मोहब्बत मै जबरदस्ती अच्छी नहीं होती जब आपका दिल चाहे तब मेरे हो जाना

तेरी वफ़ा के तकाजे

तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना, मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं…!

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