तन्हा उठा लूँ

तन्हा उठा लूँ मैं भी ज़रा लुत्फ़-ए-गुमरही,,,,, ऐ रहनुमा मुझे मेंरी क़िस्मत पे छोड़ दे….!!

सितमगर जब कोई

सितमगर जब कोई ताज़ा सितम ईजाद करते हैं, तो बहर-ए-इम्तिहाँ पहले हमीं को याद करते हैं….!!

दिल के सुनसान जज़ीरों की

दिल के सुनसान जज़ीरों की ख़बर लाएगा, दर्द पहलू से जुदा हो के कहाँ जाएगा…..!!

ये जो मेरे दिल की

ये जो मेरे दिल की लगी है… बस यही तो बर्बाद ज़िंदगी है|

तुम्हें ख्वाब में

तुम्हें ख्वाब में छूने की तमन्ना खून उगलती है, जब-जब मेरी ग़मगीन आँखों से नींद रूठ जाती है….!!

मेरे जज़्बात आँसुओं वाले

मेरे जज़्बात आँसुओं वाले,,,,, शेर सब हिचकियों से लिखता हूँ….!!

ज़रा देर बैठे थे

ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में, तेरी याद आँखें दुखाने लगी….!!

आज नही तो कल

आज नही तो कल ये एहसास हो ही जायेगा…. कि “नसीब वालो” को ही मिलते है फिकर करने वाले|

पैसों के लिये

पैसों के लिये नाता तोड़ने वाले पैसा छुपाने के लिये रिश्तेदार ढूँढ रहे है।

मकसद पहचान लेते है

शहद जुबा के मकसद पहचान लेते है , गैरजरूरी तवज्जो की वजह जान लेते है । हमे मासूम , बेखबर , नादां समझते है वो , और हम रिश्तों को “बंदगी”

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