मेरे लफ़्ज़ों को अब भी
नशा है तुम्हारा …
निकल कर ज़हन से,
कागज़ों पर गिर पड़ते हैं …
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरे लफ़्ज़ों को अब भी
नशा है तुम्हारा …
निकल कर ज़हन से,
कागज़ों पर गिर पड़ते हैं …