तन्हाई क्या हैं

तन्हाई क्या हैं खुद ही समझ जाओगे किसी की याद मैं कभी आसूं बहाया करो|

इश्तेहार दे दूँ

इश्तेहार दे दूँ कि ये दिल खाली है, वो जो आया था किरायेदार निकला!

ज़िन्दगी क्या है

ज़िन्दगी क्या है खुद ही समझ जाओगे बारिशों में पतंगें उड़ाया करो|

उन घरों में

उन घरों में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं क़द में छोटे हों मगर लोग बड़े रहते हैं|

तू जिंदगी को

तू जिंदगी को बस जी ले, उसे समझने की कोशिश न कर.. मन में चल रहे युद्ध को विराम दे, खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर.. कुछ बाते कुदरत पर छोड़ दे, सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर.. जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सकून छीन ले वो पाने… Continue reading तू जिंदगी को

जागा हुआ ज़मीर

जागा हुआ ज़मीर वो आईना है सोने से पहले रोज़ जिसे देखता हूँ मैं|

अपना मुक़द्दर ग़म से

अपना मुक़द्दर ग़म से बेग़ाना अगर होता तो फिर अपने-पराए हमसे पहचाने कहाँ जाते|

मैं अपनी ज़ात में

मैं अपनी ज़ात में नीलाम हो रहा हूँ ग़म-ए-हयात से कह दो ख़रीद लाये मुझे|

लम्हों मे खता की

लम्हों मे खता की है सदियों की सज़ा पाई|

ये भी तो सज़ा है

ये भी तो सज़ा है कि गिरफ़्तार-ए-वफ़ा हूँ क्यूँ लोग मोहब्बत की सज़ा ढूँढ रहे हैं|

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