ये मशवरा है

ये मशवरा है कि पत्थर बना के रख दिल को ये आईना ही रहा तो जरूर टूटेगा

दिल दुखाती थी

दिल दुखाती थी जो पहले अब रास आने लगी है अब उदासी रफ़्ता-रफ़्ता दिल को भाने लगी है…!!

ज़िन्दगी क्या है

ज़िन्दगी क्या है जानने के लिए ज़िंदा रहना बहुत ज़रूरी है

समझनी है जिंदगी

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी को तो आगे देखो …..!!

सुकुन और एक तुम

एक तो सुकुन और एक तुम, कहाँ रहते हो आजकल ?? मिलते ही नही

अब तो पत्थर भी

अब तो पत्थर भी बचने लगे है मुझसे, कहते है अब तो ठोकर खाना छोड़ दे !!

सजदों में भीगती है

सजदों में भीगती है जिनकी आखे वो लोग छोटी बातो पर रोया नहीं करते |

ज़िंदगी में आईना..

ज़िंदगी में आईना..जब भी उठाया करो… पहले खुद देखो फिर दिखाया करो..

सहम उठते हैं

सहम उठते हैं कच्चे मकान, पानी के खौफ़ से, महलों की आरज़ू ये है की, बरसात तेज हो…

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते लेकिन, कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती है जो पूरी उम्र याद रहता है !!

Exit mobile version