आँख पर शीशा लगाया है

आँख पर शीशा लगाया है कि महफ़ूज़ रहे….. तेरी तस्वीर जो पानी में बनाई हुई है…..!!!

मैं ख्वाहिश बन जाऊँ

मैं ख्वाहिश बन जाऊँ और तू रूह की तलब बस यूँ ही जी लेंगे दोनों मोहब्बत बनकर.

रंग उन अनकही बातो का

रंग उन अनकही बातो का आज भी हरा है जाने कितने पतझड बीत गये….

कुछ देर के सवालो मे..

उलझा उनको कुछ देर के सवालो मे..! हमने जी भर के देख लिया उनको..!!

ध्यान तेरे ध्यान में

मुझको ये ध्यान तेरे ध्यान में रह कर आया के तेरा ध्यान मेरा ध्यान बंटाने में है

ताल्लुक़ात की दो बूँद

ताल्लुक़ात की दो बूँद, रिश्तों को पोलियो से बचाता है !!

जिन पर लुटा चूका था

जिन पर लुटा चूका था मैं दुनिया की दौलतें उन वारिसों ने मुझको कफ़न नाप कर दिया….

हम तो बस सवाल है

हम तो बस सवाल है जवाब अगर नही है,तो आपका

जहाँ कुछ दर्द का

जहाँ कुछ दर्द का मज़कूर होगा…हमारा शेर भी मशहूर होगा..

कहानी ख़त्म हुई

कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई…कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए..

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