तुम्हारा दीदार..और वो भी..आँखों में आँखें डालकर…. .हाय ये कशिश.. बयाँ करना, मेरे बस की बात नही…. ।।
Category: Urdu Shayri
लगता है तेरा प्यार
मेरी आँखों की सुर्खी देख कर कहने लगे हैं लोग, ” . . . . लगता है तेरा प्यार तुझे आजमाता बहुत है……!!
सफ़र तुम्हारे साथ
सफ़र तुम्हारे साथ बहुत छोटा था ……!! . . मगर…. . . यादगार हो गये तुम अब ज़िंदगी भर के लिए…!!
शिकायते तो बहुत है
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी …!! पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता …!!
इतना संस्कारिक कलयुग
इतना संस्कारिक कलयुग आ गया है कि लड़की कि विदाई के वक्त.. माँ बाप से ज्यादा तो मोहल्ले के लड़के रो देते है
तेरी जगह आज भी
तेरी जगह आज भी कोई नही ले सकता खूबी तूजमे नही कमी मुझमें है
फूलों की तरह
हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं। तोडने वाले को भी खुशबू की सजा देते हैं।
तनहाई से नही
तनहाई से नही …. शिकायत तो मुझे उस भीड से हैं … जो तेरी यादो को मिटाने कि कोशिश में होती हैं …..
रंग कितने अजीब है
तकदीर के रंग कितने अजीब है, अनजाने रिश्ते है फिर भी हम सब कितने करीब हैं !
तेरी जगह आज भी
तेरी जगह आज भी कोई नही ले सकता खूबी तूजमे नही कमी मुझमें है