माला की तारीफ़ तो करते हैं सब, क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं.. काबिले तारीफ़ धागा है जनाब जिसने सब को जोड़ रखा है.
Category: Urdu Shayri
शौक से तोड़ो दिल
शौक से तोड़ो दिल मेरा मुझे क्या परवाह, तुम ही तो रहते हो इसमे, अपना ही घर ऊजाड़ोगे”.
मुद्दत के बाद
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज़ दी मुझे, कदमों की क्या बिसात थी, सांसें ठहर गयीं…!!!
हमी से सीखी है
हमी से सीखी है वफ़ा-ऐ-मोहब्बत उसने, जिससे भी करेगा… कमाल करेगा ।
कहाँ मांग ली
कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा.. सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था..!
सोचते हे सीख
सोचते हे सीख ले हम भी बेरुखी करना, प्यार निभाते-२ अपनी ही कदर खो दी हमने।
झूठ बोलते है
झूठ बोलते है वो लोग जो कहते हैं, हम सब मिटटी से बने हैं…!! मैं एक शख्स से वाकिफ हूँ, जो पत्थर का बना हैं….!!
कोई ज़हर कहता है
कोई ज़हर कहता है कोई शहद कहता है…. दोस्त, कोई समझ नही पाया ज़ायका मोहब्बत का ।
गुज़र जायेगी ये
गुज़र जायेगी ये ज़िन्दगी उसके बगैर भी.. … वो हसरत-ऐ-ज़िन्दगी है, शर्त-ऐ-ज़िन्दगी तो नहीं ।
तू याद रख या
तू याद रख या ना रख, तू ही याद हे, ये याद रख….