उसका वादा भी अजीब था..कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे, मैंने भी ये नहीं पुछा कीमोहब्बत के साथ या यादों के साथ..!!
Category: Shayri
सांस थम जाती है
सांस थम जाती है पर जान नहीं जाती दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती अज़ीब लोग है इस ज़माने में कोई भूल नहीं पता और किसी को याद नहीं आती
खुदा हो तुम
क्या बतायें,.. हमारी निगाह में क्या हो तुम खुदा का डर है वरना कह दूँ की खुदा हो तुम |
खुदगर्ज हो गया हूँ मैं
खुदगर्ज हो गया हूँ मैं तम्हारे प्यार में बहुत तक़लीफ़ देता है तेरा किसी और से मिलना भी|
बताते हुए घबराते हैं
बात सबको ये , बताते हुए घबराते हैं .. तेरे ही ख्व़ाब में हम, तुझसे ही शरमाते हैं |
तड़प तो कुछ भी नहीं
मेरी तड़प तो कुछ भी नहीं है, सुना है उसके दीदार के लिए आईने तरसते है…
लिखना है मुझे भी
लिखना है मुझे भी,कुछ गहरा सा, जिसे कोई भी पढे, समझ बस तुम सको |
बंदगी हमने छोड़ दी
बंदगी हमने छोड़ दी फ़राज़ क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ|
इस से पहले कि
इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएँ क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ तू भी हीरे से बन गया पत्थर हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँ|
मैं दाने डालता हूँ
मैं दाने डालता हूँ ख्यालों के, ये लफ्ज़ कबूतरों से चले आतें हैं|