मुझे यक़ीन है

मुझे यक़ीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं.. कि जख़्म ताज़ा रहे और निशान चले जाए

हुआ मेरा तलाक़

नींद से हुआ मेरा तलाक़ ,तू गई हे जब से , छत पर सपने टहलते रहते हैं

ना जाने कौन

ना जाने कौन सी दौलत है आप के लफ़्जों में.. बात करते हो तो दिल ख़रीद लेते हो…

हम तो पागल हैं

हम तो पागल हैं जो शायरी में ही दिल की बात कह देते हैं .. लोग तो गीता पे हाथ रख के भी सच नहीं बोलते

रिश्तों में ठहराव

कुछ शिकायत बनी रहे रिश्तों में ठहराव के लिये…. बहुत चाशनी में डूबे रिश्ते वफ़ादार नहीं होते

लफ्ज़ जब बरसते हैं

लफ्ज़ जब बरसते हैं, बन कर बूँदें मौसम कोई भी हो, मन भीग ही जाता है

शक़ की आँच

जब शक़ की आँच पर रिश्ते उबलते हैं तब प्यार भाप बन कर उड़ जाता है..!

तोड़ दो ना

तोड़ दो ना वो कसम जो खाई है… कभी कभी याद कर लेने में क्या बुराई है…

कर्मो का तूफ़ान

कर्मो का तूफ़ान भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से बेहतर है, कर्मो का तूफ़ान पैदा करे सारे दरवाजे खुल जायेंगे.!

अब तो शायद

अब तो शायद ही मुझसे मोहब्बत करे कोई.. मेरी आँखो मे तुम साफ नजर आते हो..?

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