जाने क्या था जाने क्या है जो मुझसे छूट रहा है… याँदें कंकर फेंक रही हैं और दिल अंदर से टूट रहा है…!!
Category: Shayri-E-Ishq
मौज-ए-ताज़ा
अजीब नशा है होशियार रहना चाहता हूँ मैं उस के ख़्वाब में बेदार रहना चाहता हूँ ये मौज-ए-ताज़ा मेरी तिश्नगी का वहम सही मैं इस सराब में सरशार रहना चाहता हूँ।
शिकार हो आता है
इश्क़ के जंगल में ही ऐसा होता है ….. शिकारी खुद ही शिकार हो आता है…..
yun hi sitam
Zindagi hamaari yun hi sitam ho gayi Khushi na jaane kahan dafan ho gayi Likha Khuda ne mohabbat sabki taqdeer mein Hamaari baari aayi to syaahi hi khatm ho gayi..
दिल मेरा बेचैन है
मुनासिबं समझो तो, सिर्फ इतना ही बता दो मुझे… दिल मेरा बेचैन है बहुत, कहीं तुम उदास तो नही…??
तुमसे बात करुँ
इसी कश्मकशं मे गुजर जाता है सारा दिन… कि,तुमसे बात करुँ या तुम्हारी बात करुँ…??
करता नहीं तुमसे शिकायत
करता नहीं तुमसे शिकायत ये दिल मगर, कहना ये चाहता है के तुम वो नहीं रहे…
ग़मों को पहचान लेती है
खुश चेहरे के पीछे ग़मों को पहचान लेती है, वो माँ ही है जो दिल का हाल जान लेती है !!
शायद शायरों की बस्तियां
कम ही होते हैं जज़्बातों को समझने वाले… इसलिए शायद शायरों की बस्तियां नहीं होती…
यादों का बंधन तोड़ना
यादों का बंधन तोड़ना इतना आसान नहीं है दोस्त..! कुछ लोग दिलों में बस जाते हैं लहू की तरह..!!