रात भर फोन की डिस्प्ले पे चलाई उँगली उनके रुख़सार से जुल्फ़ों को हटाने के लिए
Category: Shayri-E-Ishq
जख्मों को अपने
जख्मों को अपने अब ढक कर चलता हूँ… आजकल लोगों के लहजों में ही नमक झलकता है…!!
हसरतें मचल गयी
हसरतें मचल गयी जब तुमको सोचा एक पल के लिए; सोचो दीवानगी तब क्या होगी,जब तुम मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए…..
कुछ पाने की
कुछ पाने की बेचैनियाँ भी होनी चाहियें दिल में वरना जीने का क्या फायदा…
क्यो नही मिलता
क्यो नही मिलता कोई शक्स अपने जैसा यूँ तो इस दुनिया में क़िरदार बहुत है…
अब तुमको भूल
अब तुमको भूल जाने की कोशिश करेंगे हम… … तुमसे भी हो सके तो ना आना, मेरे ख्यालों में !
मैं मर जाँऊ तो उसको
मैं मर जाँऊ तो उसको खबर मत करना… अगर वो रो पड़ी तो ये दिल फिर धड़क जायेगा…
मुझे शराब से मोहब्बत
मुझे शराब से मोहब्बत नहीं है.. मोहब्बत हे तुमसे !
कहीं भी यूँ एकटक
कहीं भी यूँ एकटक देखते रहना,, हर आदत तेरी दी हुई लगती हैं।।
इक लफ्ज़ था
इक लफ्ज़ था मैं आधा अधूरा सा, रहबर से जुड़ा और कहानी बन गया !