घोंसले की फिक्र

घोंसले की फिक्र नें कैदी बनाकर रख दिया.. पंख सलामत थे मेरे पर मैं उड़ न सका…!!

बिना मतलब के अल्फ़ाज़

तुम बिन कुछ यूँ हूँ मैं… जैसे बिना मतलब के अल्फ़ाज़

चैन से रहने का

चैन से रहने का हमको यूं मशवरा मत दीजिये, अब मज़ा देने लगी हैं ज़िंदगी की मुश्किलें…!!

उसकी हरकतों से

उसकी हरकतों से ये लगा वो अमीर है नया नया, सिक्का एक फ़कीर को उसने जब उछाल कर दिया

आंसुओं में जिंदगी को

मत बहा आंसुओं में जिंदगी को, , एक नए जीवन का आगाज़ कऱ, , दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो, , जिक्र भी मत कर, नज़र’अंदाज़ कर

अब ये आलम हैं

अब ये आलम हैं कि गम कि भी खबर नहीं होती, अश्क बह जाते हैं लेकिन आँख तर नहीं होती.!!

हद से ज्यादा खुशी

हद से ज्यादा खुशी और .. हद से ज्यादा गम .. कभी किसी को मत बताओ.! . जिंदगी में लोग.. हद से ज्यादा खुशी पर”नजर”.. और हद से ज्यादा गम पर “नमक”.. … जरुर लगाते है!.

सिखा देती हैं

दुनियादारी सिखा देती हैं मक्कारियां वर्ना पैदा तो हर कोई साफ़ दिल ही होता है…

जो भी सोचा

जो भी सोचा ,पूरी शिद्दत से किया मैखाने से कभी मैं ,अपने पैरों पे नहीँ लौटा|

तू बेवफा है

हमें तो कब से पता था के तू बेवफा है, तुझे चाहा इसलिए था की शायद तेरी फितरत बदल जाये..

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