हज़ारों मिठाइयाँ चखी हैं

हज़ारों मिठाइयाँ चखी हैं मैंने लेकिन ख़ुशी के आंसू से मीठा कुछ भी नहीं

मीठा नहीं बोल पाया

जो मीठा नहीं बोल पाया यकीन मानिए~ मीठा सुनना उसकी किस्मत में नहीं.

बेर कैसे होते है

बेर कैसे होते है शबरी से पूछो। राम से पूछोगे तो मीठा ही बोलेंगे॥

होठों पे तेरी खुश्बू

निकल आए इधर जनाब कहाँ रात के वक़्त आफ़ताब कहाँ मेरी आँखों में किसी के आँसु कहाँ वरना इन पत्थरों में अब  कहाँ सब खिले हैं किसी की आरिज़ पर इस बरस बाग़ में गुलाब कहाँ मेरे होठों पे तेरी खुश्बू है छु सकेगी इन्हें शराब कहाँ

सर्द रातें

सर्द रातें बढ़ा देती हैं सूखे पत्तों की कीमत…. वक़्त वक़्त की बात है… वक़्त सबका आता है…!

हमसे कह लेना

जब हो थोड़ी फुरसत, तो अपने मन की बात हमसे कह लेना……. बहुत खामोश रिश्ते…. कभी जिंदा नहीं रहते…!!

इंतजार और अकेलापन

उसकी जरूरत, उसका इंतजार और अकेलापन, थक कर मुस्कुरा देता हूँ, मैं जब रो नहीं पाता…!!!

ये मोहब्बत भी

ये मोहब्बत भी आग जैसी है .. लग जाये तो बुझती नही.. और बुझ जाये तो जलन होती है!

जिसको भी देखा

जिसको भी देखा रोते हुए ही देखा, मुझे तो मोहब्बत रूमाल बनाने वाले की साजिश लगती है…

दर्द और सितम

वो रात दर्द और सितम की रात होगी, जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी, उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर, के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी|

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