मुद्दतो बाद आज फिर

मुद्दतो बाद आज फिर,दिल हुआ परेशान… जाने किस हाल में होगी, मुझसे रुठने वाली मेरी जान

बस एक यही

बस एक यही झिझक है हाल-ऐ-दिल सुनाने मे, की तेरा जिक्र भी आयेगा इस फ़साने मे।।

कहाँ लिखी हैं चाहतें

हर किसी के नसीब में कहाँ लिखी हैं चाहतें, कुछ लोग दुनिया में आते हैं सिर्फ तन्हाईयों के लिए…

फिर सपना क्यों उनका

महफ़िल उनकी जाम उनका आँखे अपनी फिर सपना क्यों उनका .

न भूले हैं

न भूले हैं….न भूलेंगे कभी,, बस नज़र-अंदाज़ करेंगे….उसे उसी की तरह

न जाने जिंदगी का

न जाने जिंदगी का… ये कैसा दौर है… इंसान खामोश हैं… और ऑनलाइन कितना शोर है

बापिस न जायेगी

बापिस न जायेगी एक बूँद भी पैमाने में ।। ला पिला दे साकी जितनी भी है तेरे मयखाने में ।।

अजीब सी कशिश है

सर्द हवा में भी एक अजीब सी कशिश है !! याद उसी की दिलाती है जिसकी बाहों में गर्माहट आती है..!!

याद करने कि

अगर लम्हा याद करने कि अगर क़ीमत हो “एक पैसा” तो सुनो…. तुम अरबों के कर्ज़दार हो मेरे..!!

बसेरो की तलाश है

ना जाने किन रैन बसेरो की तलाश है इस चाँद को, रात भर बिना कंबल के तन्हा भटकता है, आसमान मे…

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