इश्क वो खेल नहीं

इश्क वो खेल नहीं जो छोटे दिल वाले खेलें, रूह तक काँप जाती है, सदमे सहते-सहते. जिंदगी के रूप में दो घूंट मिले,इक तेरे इश्क का पी चुके हैं..दुसरा तेरी जुदाई का पी रहे हैं !!

रोते रहे तुम भी

रोते रहे तुम भी, रोते रहे हम भी; कहते रहे तुम भी और कहते रहे हम भी; ना जाने इस ज़माने को हमारे इश्क़ से क्या नाराज़गी थी; बस समझाते रहे तुम भी और समझाते रहे हम भी।

इंतज़ार रहता है

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा, यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा, मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में, कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा….

इश्क महसूस करना भी

इश्क महसूस करना भी इबादत से कम नहीं, ज़रा बताइये छूकर खुदा को किसने देखा है ….!!!

गैरो के किये हुए वार

गैरो के किये हुए वार जख्म कहाँ देते है ., वो अपने है जो रूह तक हिला देते है …!

गहराईयो से पुकारा है

लफ़्ज़ों से कहाँ लिखी जाती है ये बेचैनियां मोहब्बत की, मैंने तो हर बार दिल की गहराईयो से पुकारा है तुम्हे…

बातें हज़ारों से

बातें हज़ारों से महफ़िल में होती है , इशारे बस दिलबर को किये जाते हैं|

तू नाराज न रहा कर

तू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा का… एक तेरा ही चेहरा खुश देख कर तो मैं अपना गम भुलाता हूँ।

उम्र गुज़र गई

उम्र गुज़र गई …..पर …कोई तुम सा नही मिला, लोग यूँ ही कहते हैं …कि खोजने से खुदा भी मिलता है..

मन्नत के धागे

मन्नत के धागे की तरह मिले हो ……. तुम मुझको रब करे ये गाँठ ……. ज़िन्दगी भर ना खुल पाये |

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