जो भी करता हूँ

जो भी करता हूँ साहब बेहिसाब करता हूँ….. यहीं अंदाज़ है मेरा यहीं कमज़ोरी भी…..!!

लुटा के हर चीज़

लुटा के हर चीज़ मंजिल ऐ इश्क़ की राह में !! हंस पड़ा हूँ मैं आज खुद को बर्बाद देख के !!

मैं सर के बल

मैं सर के बल गिरा था गुनाहों के बोझ से दुनिया समझ रही थी के सजदे मैं पडा है मैं जब गया सजदे मैं तो लोगों ने ये कहा ज़ालिम ने बहुत पी ली जो मदहोश पडा है…

बस ये मत पूछिएगा

मुझे आप चाहिये… बस ये मत पूछिएगा कि क्यूँ ..!!

पता नही होश में

पता नही होश में हूँ या बेहोश हूँ मैं पर बहुत सोच समझकर खामोश हूँ मैं…

अक्सर सोचा करते थे

अक्सर सोचा करते थे कि हम भूल चुके हैं उनको , फिर आज ये किस बात पे मुझको यूँ रोना आया !

सारी उम्र के लिए

सारी उम्र के लिए तुझे अपने निगाहों में बसा लूँ गर दे दे तू ये इजाजत मैं तेरा सपना सजा लूँ !

अब ना करूँगा

अब ना करूँगा अपने दर्द को बया किसी के सामने,. दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यू करना….!!!

जिदंगी मिली तो थी

जिदंगी मिली तो थी दो दिन की मुझे, ये दो दिन भी बीत गए तुमको मनाने में…!!

लोग पूछते हैं

लोग पूछते हैं , मैं क्या करता हूँ.., उन्हें क्या बताऊँ..मोहब्बत की थी, अब रोज़ मरता हूँ….!!!!

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