अपने साथ मेरी नींद भी ले गए, फिर ये साँसों पर मेहरबानी क्यों…
Category: Sad Bewafa Shayri
मोहब्बत रूह में
मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है ….. ताल्लुक कम करने से मोहब्बत कम नहीं होती….
इंसान ना कुछ
इंसान ना कुछ हंसकर सीखता है ना कुछ रोकर सीखता है जब भी कुछ अलग सीखता है तो, या तो किसी का होकर सीखता है… या फिर किसी को खोकर सीखता है…!!!
तुम हर तरह से
तुम हर तरह से मेरे लिए ख़ास हो,शुक्रिया वो बनने के लिए जो तुम हो…
आख़िरी उम्र में
आख़िरी उम्र में कैसे मैं ग़मों को छोडूँ.. यह मेरे साथ रहें हैं सगे भाई की तरह !
अच्छे विचारों से
सफलता हमेशा अच्छे विचारों से आती हैं और अच्छे विचार अच्छे लोगों के सम्पर्क से आते हैं मुझे गर्व है कि मैं आपके सम्पर्क में हूँ….
इश्क़ बुझ चुका है
इश्क़ बुझ चुका है, क्यूंकि हम ज़ल चुके हैं|
आपने नज़र से नज़र
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी, हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी, जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके, पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी.
गंदगी नज़रों में
गंदगी नज़रों में होती है वरना कचरा बीनने वालों को तो कचरे में भी रोटी दिखती है..
तू छोड़ रहा है तो
तू छोड़ रहा है तो इसमें तेरी ख़ता क्या हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता !!