देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,….. नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी.
Category: Mosam Shayri
सूखे पत्तो की तरह
सूखे पत्तो की तरह बिखरा हुआ था मै,, किसी ने बड़े प्यार से समेटा, और फिर आग लगा दी..!
गलतफहमियों के सिलसिले
गलतफहमियों के सिलसिले आज इतने दिलचस्प हैं, कि हर ईंट सोचती है, दीवार मुझ पर टिकी है….
हार जाउँगा मुकदमा
हार जाउँगा मुकदमा उस अदालत में, ये मुझे यकीन था,जहाँ वक्त बन बैठा जज और नसीब मेरा वकील था….!!!
इश्क़ तो बस नाम दिया है
इश्क़ तो बस नाम दिया है दुनिया ने, एहसास बयां कोई कर पाये तो बात हो .
थोड़ा प्यार और भिजवा दो
थोड़ा प्यार और भिजवा दो, हमने फिजूलखर्ची कर ली है….।।
उनकी महफ़िल में
उनकी महफ़िल में हमेशा से यही देखा रिवाज़…. आँख से बीमार करते हैं, तबस्सुम से इलाज़।।
इश्क़ को नसीहत
इश्क़ को नसीहत और बेटो को वसीयत की जरुरत तभी पड़ती है, जब वो खुद बड़े कमजोर हो.
मैं शिकायत क्यों करूँ
मैं शिकायत क्यों करूँ, ये तो क़िस्मत की बात है..!! तेरी सोच में भी मैं नहीं, मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं.
मेरी आवारगी में
मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है, जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता।