दुनिया में सब

दुनिया में सब चीजे मिल जाती है…. केवल अपनी गलती नहीं मिलती.

अभी तो दिल में

अभी तो दिल में हलकी सी खलिश महसूस होती है… बहुत मुमकिन है कल इसका नाम मुहब्बत हो जाए …

कौन करता है

कौन करता है वफ़ाओं के तकाज़े तुमसे……? हम तो एक झूठी तसल्ली के तलबगार थे बस….!!

सलीका तुमने परदे का

सलीका तुमने परदे का बड़ा अनमोल रख्खा है.. यही निगाहें कातिल हैं इन्ही को खोल रख्खा है..

मैं तुम्हारे हिस्से की

मैं तुम्हारे हिस्से की बेवफाई करूँगा… तुम मेरे हिस्से की शायरी करना…।।

खेल जब दोबारा शुरु होगा

खेल जब दोबारा शुरु होगा तो मोहरे हम वही से उठाएगें जहॉ इस वकत थरे है!

इंसान को बोलना सीखने में

इंसान को बोलना सीखने में दो साल लगते हैं लेकिन , कोनसा लफ्ज़ कहाँ बोलना है ये सीखने में पूरी ज़िन्दगी गुजर जाती है,,,

आदमी के शब्द नही

आदमी के शब्द नही बोलते….! . . उसका वक्त बोलता हे…!!

मुझे मालूम है

मुझे मालूम है मेरी किस्मत में नहीं हो तुम लेकिन ..। मेरे मुकद्दर से छुपकर मेरे एक बार हो जाओ ..।

मैने हर दौर मे

मैने हर दौर मे हर नसल के कातिल देखे! मै मुहबत हुं; मेरी उमर बढी है यारो!

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