क़रार दिल को

क़रार दिल को सदा जिस के नाम से आया वो आया भी तो किसी और काम से आया|

तुम ढूंढोगे मुझको

तुम ढूंढोगे मुझको और मिल नहीं पाओगे, मैं चाँद के पीछे की बस्ती का अँधेरा हूँ |

ये वादा है

ये वादा है तुमसे वो दिन भी मैं लाऊंगा जब तुम खुद कहोगी..! मुझे दुनिया की परवाह नहीं मैं बस तुम्हारी होना चाहती हूं..!!

हम वहाँ हैं

हम वहाँ हैं जहाँ से हम को भी कुछ हमारी ख़बर नहीं आती

प्यास तो मर कर भी

प्यास तो मर कर भी नहीं बुझती ज़माने की,मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है…!!

कभी फुरसत मे

कभी फुरसत मे अपनी कमियो पर गाैर करना … दुसरो के आईने बनने की ख्वाहिश मिट जायेगी…

खामोशी की भाषा

खामोशी की भाषा चुप्पियाँ जानती हैं,,, स्पर्श की कविता उँगलियाँ जानती है…

मेरे ऐबों को तलाशना

मेरे ऐबों को तलाशना बंद कर दिया है लोगों ने… मैंने तोहफ़े में उन्हें जब से आईना दे दिया है…

मुसाफ़िर हो तो

मुसाफ़िर हो तो सुन लो राह में सहरा भी आता है निकल आए हो घर से क्या तुम्हें चलना भी आता है

जिस कदर उसकी

जिस कदर उसकी कदर की हमने, उस कदर बेकदर हुए है हम !!

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