ये जानते भी तुम हो

क्यों तुले हो जान लेने को, जबकि जान भी तुम हो, और ये जानते भी तुम हो….

भूलना होता तो भुला देते

तुमको भूलना होता तो भुला देते …… तुम मुहब्बती इश्क हो मतलबी इश्क नही …..!!!

अपनी तन्हाई की फिक्र

अपनी तन्हाई की फिक्र करूँ या, तेरी उदासी की….!मेरे बिना तेरा भी तो दिल, ना लग रहा होगा…..!!

अब राह मत तकना

मेरी अब राह मत तकना कभी ऐ आसमां वालो,, मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ

टुट गया वो दिल

बहुत खामोशी सै टुट गया वो दिल जो तुम्हें लेकर बहुत शोर मचाया करता था

अभी तक शौक है

हसीन आँखों को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको,… मुहब्बत में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली…

उसकी जरूरत उसका इंतजार

उसकी जरूरत उसका इंतजार और ये तन्हा आलम, थक कर मुस्कुरा देते है हम जब रो नहीं पाते…!!

मेरा हर लफ़्ज

मेरा हर लफ़्ज हर बात अधूरी है तुम्हारे बिन दिन और रात अधूरी है मैं क्या ग़ज़ल पेश करूँ, यूँ तो तुम्हारे बिन ग़ज़ल की शुरुआत अधूरी है ऐसे बस जाए कभी सोचा ही नहीं तुम्हारे बिन मेरे लिए कायनात अधूरी है कैसे मुकम्मल हो मेरी रूह-ए-ग़ज़ल तुम्हारे बिन ग़ज़ल की पूरी ज़ात अधूरी है

जब पढ़ते थे

जब पढ़ते थे तब भी मार्च डराता था, अब कमाते हैं ,तब भी डराता हैं।

कोई झंकार है

कोई झंकार है, नग़मा है, सदा है क्या है ? तू किरन है, के कली है, के सबा है, क्या है ? तेरी आँख़ों में कई रंग झलकते देख़े सादगी है, के झिझक है, के हया है, क्या है ? रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने तू कोई झील है, झरना है,… Continue reading कोई झंकार है

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