आज आशिक़ों की महफ़िल एक साथ बैठी है..!! पता नई कितनो का दिल तोड़ेगी…
Category: Love Shayri
तेरी गली का सफर
तेरी गली का सफर आज भी याद है मुझे.. मैं कोई वैज्ञानिक नही था, पर मेरी “खोज” लाजवाब थी…
मुझे ऐसा मरना है
मुझे ऐसा मरना है जैसे, लिखते लिखते स्याही खत्म हो जाये…
मुझे छोड़ के जिसके लिए
मुझे छोड़ के जिसके लिए गई थी तुम., सुना है हर बात पर तुम उसे मेरी मिसाल देती हो|
या तो ख़रीद लो
या तो ख़रीद लो या ख़ारिज कर दो, ये सहूलियत के हिसाब से किराये पर मत लिया करो मुझे..
रात को कह दो
रात को कह दो, कि जरा धीरे से गुजरे, काफी मिन्नतों के बाद आज दर्द सो रहा है |
लफ़्ज़ों का लहू निकलता है
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती हैं, मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले…
जाती है धूप उजले परों को
जाती है धूप उजले परों को समेट के, ज़ख्मों को अब गिनूंगा मैं बिस्तर पे लेट के…..
जिसके लिए लिखता हूँ
जिसके लिए लिखता हूँ आज कलवो कहती हैं अच्छा लिखते हो उनको सुनाऊँगी|
तेरा चेहरा बना दिया
इक रात चाँदनी मेंरे बिस्तर पे आई थी…. मैं ने तराश कर तेरा चेहरा बना दिया ….