तू वैसी ही है

तू वैसी ही है जैसा मैं चाहता हूँ… बस.. मुझे वैसा बना दे जैसा तू चाहती है….

हमने दिया है

हमने दिया है, लहू उजालों को. हमारा क़र्ज़ है इस दौर के सवेरों पर..

इश्क़ का ग़म

इश्क़ का ग़म आफ़त और उस पे ये दिल आफ़त या ग़म न दिया होता, या दिल न दिया होता|

खतावार समझेगी दुनिया

खतावार समझेगी दुनिया तुझे .. अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे

इस शहर में

इस शहर में मजदूर जैसा दर बदर कोई नहीं सैंकड़ों घर बना दिये पर उसका कोई घर नहीं|

मेहनत करते थकता नहीं

मेहनत करते थकता नहीं मजदूर का बदन, और अमीर नोट भी गिनते है तो मशीन लगाकर…

मरम्मतें खुद की

मरम्मतें खुद की रोज़ करता हूँ, रोज़ मेरे अंदर एक नुक्स निकल आता है !!

दुरुस्त कर ही लिया

दुरुस्त कर ही लिया मैंने नज़रिया अपना, कि दर्द न हो तो मोहब्बत मज़ाक लगती है!

न जाने कौन सी

न जाने कौन सी दौलत है तेरे लफ़्ज़ों में, बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो!

न रूठना हमसे

न रूठना हमसे हम मर जायेंगे! दिल की दुनिया तबाह कर जायेंगे! प्यार किया है हमने कोई मजाक नहीं! दिल की धड़कन तेरे नाम कर जायेंगे!

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