जिस वक़्त दिल चाहे..

जिस वक़्त दिल चाहे… आप चले आओ मैं……. कोई चाँद पर नहीं रहता

नसीहत सभी देते हैं

नसीहत सभी देते हैं गम को भुलाने की, बताता वजह कोई नहीं मुस्कराने की…

सिर्फ महसूस किये जाते हैं

सिर्फ महसूस किये जाते हैं कुछ एहसास कभी लिखे नहीं जाते..।।

सवाल ज़हर का

सवाल ज़हर का नहीं था वो तो हम पी गए तकलीफ लोगो को बहुत हुई की फिर भी हम कैसे जी गए

इक चेहरा पड़ा मिला

इक चेहरा पड़ा मिला मुझे, रास्ते पर, जरूर किरदार बदलते वक्त गिरा होगा|

किसी भी मौसम मे

किसी भी मौसम मे खरीद लीजिये जनाब… मोहब्बत के जख्म हमेशा ताजे ही मिलेगें…!

वो बुलंदियाँ भी

वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब, जहाँ इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जाये ।

मुझे मजबूर करती हैं

मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना… शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता।

मेरी जगह कोई

मेरी जगह कोई और हो तो चीख उठे, मैं अपने आप से इतने सवाल करता हूँ !!

जिस दिन मेरे हाथों में

जिस दिन मेरे हाथों में छाले नहीं आते … मेरे बच्चो के मुह में निवाले नहीं जाते …

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