होगी कितनी चाहत

होगी कितनी चाहत उस दिल मे…जो खुद ही मान जाये, कुछ पल खफा होने के बाद…!!!

फोड़ देती है

फोड़ देती है अपना गुल्लक भी भाई की खुशियों के लिये भगवान के अलावा बहनें भी मनोकामना पूर्ण करती है

जरा सम्भल के

जरा सम्भल के रहना उन इंसानो से दोस्तों… जिन के दिल मे भी दिमाग होता है…!!

तेरे बग़ैर इश्क़

तेरे बग़ैर इश्क़ हो तो कैसे हो इबादत के लिए ख़ुदा भी तो ज़रूरी होता है…..

ख़ुबसूरत था इस

ख़ुबसूरत था इस क़दर के महसूस ना हुआ.. कैसे,कहाँ और कब मेरा बचपन चला गया….

लौटा देता कोई

लौटा देता कोई एक दिन नाराज़ हो कर … काश बचपन भी मेरा कोई अवॉर्ड होता…

ऐ उम्र कुछ

ऐ उम्र कुछ कहा मैंने, शायद तूने सुना नहीं…. तू छीन सकती है बचपन मेरा , बचपना नहीं…

कहाँ छुपा के

कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफत ! जिधर भी देखता हूँ !! उधर बेईमान खड़े हैं !

अभी तो तड़प

अभी तो तड़प-तड़प के दिन के उजालों से निकला हू… . न जाने रात के अँधेरे और कितना रुलायेंगे.

जरूरतें भी जरूरी हैं

जरूरतें भी जरूरी हैं जीने के लिये …..लेकिन … तुझसे जरूरी तो जिंदगी भी नही……..

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