मैं अपनी चाहतों

मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे …

जब भी दर्द दिया

उसे पता था कि उसकी हसी मुझे पसन्द है.. इस्लिये उसने जब भी दर्द दिया मुस्कुराकर दिया..!!

बस दो आँखें….

किसी ने पूछा कौन याद आता है अक्सर तन्हाई में. हमने कहा कुछ पुराने रास्ते खुलती ज़ुल्फे और बस दो आँखें….!!

बेमोल मुस्कुराते हुए..

सब ढूंढ़ते रहे मुझमें….मुनाफे की वजह… करता रहा सौदे मैं ,बेमोल मुस्कुराते हुए…!!

हर तरह का वक़्त

जो उड़ते हैं अहम के आसमानों में जमीं पर आने में, वक़्त नहीं लगता… हर तरह का वक़्त आता है ज़िंदगी में वक़्त के गुज़रने में, वक़्त नहीं लगता…

मुहब्बत है रोशनी

जला रहा हूँ खुद अपने लहू से दिल के चराग़, ना जाने कितनी मुहब्बत है रोशनी से मुझे…

अपना नया इतिहास

अपनी जमीन, अपना नया आसमान खुद पैदा करुगा मांगने से ऐसी ज़िंदगी कब मिलती है खुद ही अपना नया इतिहास पैदा कर…

प्यार से इस्तीफा

तुम नफरतो के धरने पर कयामत तक बैठो मै अपने प्यार से इस्तीफा कभी नही दूंगा.!!!

जी न सके हम

यूँ तो जी रहे है सारी उम्र जीनी है लेकिन, जीने की तरह जी न सके हम..।।

सारी बरकत है

जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है….वरना… अपना कहने वाले लोग तो याद भी नहीं करते….!!!!

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