नाज है मुझे मेरे प्यार पर , ना वो बेवफा ना मै बेवफा ….. बस मॉ – बाप के फर्ज ने हमको जुदा किया …….!!
Category: Hindi Shayri
कायम है इश्क
बरसो से कायम है इश्क अपने उसुलो पे.. ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है
वो मेरे पास
वो मेरे पास नहीं मेरे दिल के पास तो है चिराग एक है और दो घरो में जलता हैं
जब आंख खुली
जब आंख खुली तो अम्मा की गोदी का एक सहारा था उसका नन्हा सा आंचल मुझको भूमण्डल से प्यारा था उसके चेहरे की झलक देख चेहरा फूलों सा खिलता था उसके स्तन की एक बूंद से मुझको जीवन मिलता था हाथों से बालों को नोंचा पैरों से खूब प्रहार किया फिर भी उस मां ने… Continue reading जब आंख खुली
रंग बन कर
सिर्फ़ लहरा के रह गया आँचल रंग बन कर बिखर गया कोई………
मिला करो हमसे
दुश्मनी से मिलेगा क्या तुम को दोस्त बन कर मिला करो हमसे
प्यास के क़ाबिल
मिला जब भी समुन्दर सा मिला तू मेरी प्यास के क़ाबिल कहाँ था
तसल्ली के लिये
भूखे बच्चों की तसल्ली के लिये माँ ने फिर पानी पकाया देर तक गुनगुनाता जा रहा था इक फ़क़ीर धूप रहती है ना साया देर तक
लोग तरस जाते हैँ
हमारा अंदाज कुछ ऐसा है कि… जब हम बोलते हैँ तो बरस जाते हैँ.. और जब हम चुप रहते हैँ तो लोग तरस जाते हैँ..!!
जिंदगी शुरू होती है
जहाँ से इश्क ख़त्म होता है वहाँ से जिंदगी शुरू होती है।