जब सब तेरी

जब सब तेरी मरजी से होता है…. ऐ खुदा…………………………………. तो तेरा ये बन्दा गुनहगार कैसे हो गया……

डोर लम्बी हो

डोर लम्बी हो तो मतलब यह नहीं की पतंग ऊपर तक जाएगी, उड़ाने का तरीक़ा आना चाहिए, दौलत ज़्यादा का मतलब सफल जीवन नही, जीने का सलीक़ा आना चाहिए..!!!

ना मुमकिन है

ना मुमकिन है इसको समझना, दिल का अपना ही मिज़ाज़ होता है..!!

किस्मत बुरी या मैं

किस्मत बुरी या मैं बुरा, ये फैसला ना हो सका; मैं हर किसी का हो गया, कोई मेरा ना हो सका!

तुम्हारा जिक्र हूआ

तुम्हारा जिक्र हूआ तो महफिल तक छोड़ आए हम गैरो के लबों पर हमें तो तुम्हारा नाम तक अच्छा नही लगता !!

शीशे में डूब

शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए एक नाम को…

सङक पर निकल आता

मैं अक्सर रात में यूं ही सङक पर निकल आता हूँ यह सोचकर.. कि कहीं चांद को तन्हाई का अहसास न हो …

जिसे शिद्दत से

जिसे शिद्दत से चाहो, वो मुद्दत से मिलता है ..। बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला

तेरी हसरत मुझे

तेरी हसरत,मुझे आज फिर छत पर ले आई है.. मांग लूंगा तुझे, किसी टूटते हुए सितारे से..

बचपन में जब

बचपन में जब चाहा हँस लेते थे, जहाँ चाहा रो सकते थे. अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए, अश्कों को तनहाई ..

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