बन्दा तू ठीक

मेरे साथ बैठ कर वक़्त भी रोया आज…. . . . . बोला, बन्दा तू ठीक है; मैं ही ख़राब चल रहा हूँ….

इश्क आँखों से

गलत सुना था कि,इश्क आँखों से होता है…. दिल तो वो भी ले जाते है,जो पलकें तक नही उठाते !!

कोई रूठे ना

कोशिश यही रहती है कि हमसे कभी कोई रूठे ना, मगर नजर अंदाज करने वालो से हम नजर नहीं मिलाते…!!!!

तैरती पत्ती से

कई बार नदी पर तैरती पत्ती से भी हो सकता है प्रेम, कई बार प्रेम ही होता है, जो पत्ती को डूबने नहीं देता..!!

किसी न किसी

किसी न किसी पे किसी को ऐतबार हो जाता है, अजनबी कोई शख्स यार हो जाता है, खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा, खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है !!

कदर हैं आज

फासलें इस कदर हैं आज रिश्तों में, जैसे कोई घर खरीदा हो किश्तों में

ये आशिकों का

ये आशिकों का शहर है ज़नाब, यहाँ सवेरा सूरज से नही, किसी के दीदार से होता है !!!!!

वक्त अच्छा था

वक्त अच्छा था तो हमारी गलती मजाक लगती थी वक्त बुरा है तो हमारा मजाक भी गलती लगती है..

हर एक शख्स

हर एक शख्स ख़फ़ा,मुझसे अंजुमन में था… क्योंकि मेरे लब पे वही था,जो मेरे मन में था…

हाल–ए–दिल

हम लबों से कह ना पाये, उनसे हाल–ए–दिल कभी, और वो समझे नही यह ख़ामोशी क्या चीज है..

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