कौन चाहता है

कौन चाहता है तेरी यादो से रिहा होना, ये तो वो कैद है जो जान से ज्यादा अज़ीज़ है|

तेरे बाद किसी को

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने, हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही…!

दिल को समझाने के बहाने

दिल को समझाने के बहाने बहुत हैं पर आंखों के आँसू को छुपाऊँ कहाँ ?

खुलासा तो कर दूँ

खुलासा तो कर दूँ ,अपनी मोहब्बत कामगर… मेरी ये संपत्ति,मेरी आय से अधिक है.!!!

मैं पसंद तो बहुत हूँ

मैं पसंद तो बहुत हूँ सबको,पर… जब उनको मेरी ज़रुरत होती तब..!!

सच ये है

सच ये है पहले जैसी वो चाहत नहीं रही… लहजा बता रहा है मोहब्बत नहीं रही..

सुना है हमें

सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं… तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं..

मौत बेवज़ह बदनाम है

मौत बेवज़ह बदनाम है साहब, जां तो ज़िंदगी लिया करती है|

हम ने ठानी और है…

कोई दिन गर ज़िंदगानी और है, अपने जी में हम ने ठानी और है…

मैंने उन तमाम परिदों के

मैंने उन तमाम परिदों के पर काट दिए… जिन को अपने अंदर उड़ते देखा था कभी

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