अंदर के नशे से महकते हैं लोग बाहर के नशे से बहकते हैं लोग …और जो किसी नशे में बहकता नहीं वह बुद्ध कहलाता है ।।
Category: शायरी
थोडा हुन्नर दे
तारीफे समझ नही आती है उन्हें । ऐ-खुदा, मेरे प्यार को भी मोहब्बत में थोडा हुन्नर दे ।।
कहीं एक मासूम
कहीं एक मासूम सा अरमान टूटा होगा फिर मिट्टी का कच्चा मकान टूटा होगा अमीरों के लिए बेशक तमाशा हो जलजला गरीब के सर पे तो आसमान टूटा होगा
उलझे हुए है
उलझे हुए है आजकल अपनी उलझनों में… तुम ये ना समझना कि तुम्हें चाहा था बस दो दिन के लिए
कुछ अलग करना है
कुछ अलग करना है तो जरा भीड़ से हटकर चलो.. भीड़ साहस तो देती है, लेकिन पहचान छीन लेती है….
यारी का मोल
तुम मुझसे यारी का मोल ना पूछना कभी, तुमसे ये किसने कह दिया की पेड़ अपनी छाँव बेचते है…
दुसरों की अपेक्षा
दुसरों की अपेक्षा अगर आपको सफलता, यदि देर से मिले तो निराश नही होना चाहिये क्योँकि मक़ान बनने से ज्यादा समय महल बनने मेँ लगता है||
तू होगा ज़रा
तू होगा ज़रा पागल सा तूने मुझको है चुना…
खमोश लब हैं
खमोश लब हैं झुकी है पलकें, दिलों में उल्फत नई नई है ,, अभी तकल्लुफ है गुफ़्तगू में, अभी मुहब्बत ये नई-नई है,, अभी न आएगी नींद तुमको , अभी न हमको सुकूं मिलेगा ,, अभी तो धड़केगा दिल ज़्यादा, अभी ये चाहत नई नई है ,, जो खानदानी रईस हैं वो , मिज़ाज रखते… Continue reading खमोश लब हैं
हमसे जो करोगे
हमसे जो करोगे रुसवाई तो यूँ ही भूकम्प आएगा रे बेवफा हरजाई…