माँ ने कुछ पैसे, आटे के डिब्बे में छुपाए थे….. ख्वाब कुछ मेरे ,ऐसे पकाए थे.
Category: शर्म शायरी
बेटा मज़े में है
बरबाद कर दिया हमें परदेस ने मगर माँ सबसे कह रही है कि बेटा मज़े में है
कितना मुश्किल है
कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को .. !! जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे .. !!
चिन्ता और असफलताएँ
आत्मबल जिनके अन्दर होता है उनके सामने बीमारियाँ ,चिन्ता और असफलताएँ हार जाती है पर आत्मबल प्रभु भक्ति से हीआता है”
एहसास जब जुड़ते है
एहसास जब जुड़ते है तब भी महसूस होते है एहसास जब टूटते है तब रूह को चीर देते है”
जब से खुद से
जब से खुद से समझोता किया है मानों हर पल टूट रहा हूँ मैं..
कोई तो पैमाना
काश कोई तो पैमाना होता मोहब्बत नापने का तो शान से तेरे सामने आते सबुत के साथ
क्षमा चाहते हैं
दुसरो को उतनी ही जल्दी क्षमा करो, जितनी जल्दी आप ऊपर वाले से अपने लिए क्षमा चाहते हैं।
लफ्ज ही इजहार
जरूरी नही की लफ्ज ही इजहार करे वो हमारी ख़ामोशी से भी तो प्यार करे”
फ़तेह कर लिया हो
क्या सिखा सकती है ज़िन्दगी उसे जिसने मौत को फ़तेह कर लिया हो…