तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन, अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद
Category: वक़्त शायरी
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद, मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब
कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब टूटे, ना जाने कितने टुकड़ो में अरमान टूटे. हर टुकड़ा एक आइना हैं ज़िन्दगी का, हर आईने के साथ लाखों जज़्बात टूटे..
बहुत अजीज़ है मुश्किल में डालने वाला
नज़र से दिल में मुहब्बत उतारने वाला.. बहुत अजीज़ है मुश्किल में डालने वाला..
हम ये भी भूल गए
घोंसला बनाने में… यूँ मशग़ूल हो गए.. उड़ने को पंख हैं… हम ये भी भूल गए…
महसूस जरुर होते हैँ
बदलता मौसम….. बदलते रिश्ते…. और बदलते लोग…… दिखते भले ना हो …… महसूस जरुर होते हैँ……
इतनी वफादारी न कर किसी से
इतनी वफादारी न कर किसी से, यूँ मदहोश हो कर …
क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने
क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुत्फ़ लेने को, कभी मेरी आँखों में ठहर के देखो ये बेइंतहा बरसती हैं…!!!
बरसों बाद इक ख़त आज आया है
बरसों बाद इक ख़त आज आया है, तुम्हे याद आई है या गलत पते पे आया है…!!!
होंगी कुछ उनकी भी मजबूरियाँ
होंगी कुछ उनकी भी मजबूरियाँ, यूंही कोई हमेशा ऑफलाइन नहीं होता…!!!