मैं ख्वाहिश बन जाऊँ और तू रूह की तलब बस यूँ ही जी लेंगे दोनों मोहब्बत बनकर.
Category: वक़्त शायरी
कल फिर जो तुमको
कल फिर जो तुमको देखा दीवार की ओंट से ज़िन्दगी फिर मुस्कुरा उठी नजरों की चोट से
रंग उन अनकही बातो का
रंग उन अनकही बातो का आज भी हरा है जाने कितने पतझड बीत गये….
कुछ देर के सवालो मे..
उलझा उनको कुछ देर के सवालो मे..! हमने जी भर के देख लिया उनको..!!
ध्यान तेरे ध्यान में
मुझको ये ध्यान तेरे ध्यान में रह कर आया के तेरा ध्यान मेरा ध्यान बंटाने में है
ताल्लुक़ात की दो बूँद
ताल्लुक़ात की दो बूँद, रिश्तों को पोलियो से बचाता है !!
हम तो बस सवाल है
हम तो बस सवाल है जवाब अगर नही है,तो आपका
जहाँ कुछ दर्द का
जहाँ कुछ दर्द का मज़कूर होगा…हमारा शेर भी मशहूर होगा..
कहानी ख़त्म हुई
कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई…कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए..
उम्मीदों के ताले पड़े
उम्मीदों के ताले पड़े के पड़े रह गए,तिज़ोरी उम्र की, ना जाने कब ख़ाली हो गई !!