कुछ तुम कोरे कोरे से

कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!

बस यही सोचकर

बस यही सोचकर ज्यादा शिकवा नहीं किया मैंने, कि अपनी जगह हर कोई इंसान सही होता है…

जो जले थे हमारे लिऐ

जो जले थे हमारे लिऐ, बुझ रहे है वो सारे दिये, कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिये..

जाने वो दिल के ज़ख्म

जाने वो दिल के ज़ख्म हैं या तेरी यादों के फूल, रातों को कोई चीज महकती जरूर है..

ग़लत को हम ग़लत कहते

ग़लत को हम ग़लत कहते इसी कहने की कोशिश में सियासत ने अंधेरों में हमारी हर ख़ुशी रख दी ।

बड़ी बैचेन सी कटती हैं

कैसे कहूं बड़ी बैचेन सी कटती हैं अब अपनी रातें ना भी बताऊं तो चादर की सलवटें बयां कर देती हैं..

इश्क कर लीजिए

इश्क कर लीजिए बेइंतहा किताबों से; एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती!!

कैसे कहूं बड़ी

कैसे कहूं बड़ी बैचेन सी कटती हैं अब अपनी रातें ना भी बताऊं तो चादर की सलवटें बयां कर देती हैं..

इश्क कर लीजिए

इश्क कर लीजिए बेइंतहा किताबों से; एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती!!

तुम्हें भूले पर

तुम्हें भूले पर तेरी यादों को ना भुला पाये; सारा संसार जीत लिया बस एक तुम से ना हम जीत पाये; तेरी यादों में ऐसे खो गए हम कि किसी को याद ना कर पाये; तुमने मुझे किया तनहा इस कदर कि अब तक किसी और के ना हम हो पाये।

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