मंज़िले तो मिली नही , चलो रास्ते बदल लेते है ! वक्त तो बदला नही
Category: व्यंग्य
रात तकती रही
रात तकती रही आंखो मे , दिल आरजू करता रहा कोई बे सबर रोता रहा कोई बे खबर सोता रहा
इश्क़ रोता हो ..!
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब…, जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो ..!
कर्म पर आस्था
खुद पर हो विश्वास और हो कर्म पर आस्था… फिर कितनी भी हो मुश्किलें मिल ही जाता है रास्ता…!!!
कौन हमसे आगे है
जीवन में यही देखना महत्वपूर्ण नहीं कि कौन हमसे आगे है या कौन पीछे, यह भी देखना चाहिए कि कौन हमारे साथ है और हम किसके साथ..!!!
फिर फिक्र क्यों
कितनी खूबसूरत बात.. अगर भगवान नहीं हैं तो जिक्र क्यों. ..? और अगर भगवान हैं तो फिर फिक्र क्यों??
किस बात पे
किस बात पे रूठा है पता चले तो मनाऊं उसे वो रूठ तो जाता है लेकिन शिकायत नहीं करता.
ज़िन्दगी बहुत भगाती हैं
दौड़ने दो खुले मैदानों में नन्हे कदमो को ज़िन्दगी बहुत भगाती हैं, बचपन गुजरने के बाद…
कहाँ मिलता है
कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला …. जो भी मिलता है, समझा के चला जाता है |
निगाहें फेर कर
निगाहें फेर कर जो हमसे दूर बैठे हैं इधर भी देखिये ज़रा हम बेक़सूर बैठे हैं.!!!!