ऐ खुदा इश्क़ में दोनों को मुकम्मल कर दे उसे दीवाना बना दे….. मुझे पागल कर दे
Category: व्यंग्य शायरी
जिदंगी में कभी
जिदंगी में कभी किसी बुरे दिन से रूबरू हो जाओ, तो इतना हौंसला जरुर रखना की दिन बुरा था जिंदगी नहीं…!!!
चाँद का मिजाज़
चाँद का मिजाज़ भी तेरे जैसा है.. जब देखने की तमन्ना हो, नज़र नहीं आता..
कहाँ मांग ली
कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा.. सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था..!
ज़िंदगी में बस
ज़िंदगी में बस दो गलतियां कर दी.. खुशियाँ नशे के नाम, और उदासी होश के नाम कर दी।
ठंड
कोई नहीं मरता ठंड के कारण मरते हैं लोग सरकारी फंड के कारण नेताजी खा जाते हैं कंबल वाला फंड बदनाम हो जाती है दिसंबर वाळी ठंड
गुज़र जायेगी ये
गुज़र जायेगी ये ज़िन्दगी उसके बगैर भी.. … वो हसरत-ऐ-ज़िन्दगी है, शर्त-ऐ-ज़िन्दगी तो नहीं ।
उस देश में
उस देश में औरत का मरतबा कैसे बुलंद हो सकता है, जहाँ मरदों की लड़ाई में गालियां मां -बहन की दी जाती है.!!
झूठी शान के परिंदे
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फडडाते हैं, बाज की उड़ान में कभी आवाज नहीं होती है !!
करोडो में नीलाम
करोडो में नीलाम होते है यहाँ, एक नेता के उतारे हुए सूट । वही कचरे में फेक देते है, ‘शहीदों की वर्दी और बूट’ ।