बिन तुम्हारे कभी नही आयी क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है|
Category: वक्त-शायरी
जो गुज़ारी न जा सकी
जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
ज़िंदगी जिनसे हो
ज़िंदगी जिनसे हो ख़फ़ा, उनसे रूठ जाती है मौत भी शायद
उसे भरम है
उसे भरम है अभी के वो नादान जीतेगा। जो सच्चा होगा वही मेरी जान जीतेगा । तू डरता क्यूँ है इन झूठ के सौदागरों से । जंग जब भी होगी दावा है ईमान जीतेगा।।
हम मरेगें भी तो
हम मरेगें भी तो उस अंदाज से, जिस अंदाज में लोग जीने को भी तरसते है।
जो कुरेद कर
जो कुरेद कर दिवार पे तुम्हारा नाम लिखा था, ज़िन्दगी की सबसे लम्बी कहानी वही तो थी।
आँखों में भी
आँखों में भी कुछ सपने सो जाते हैं सपनों में भी मुश्किल जब उनका आना लगता है
यादों को याद बना कर
यादों को याद बना कर रख लिया जज्बातों को तेज़ाब बना कर रख लिया
अपनी हदों में
अपनी हदों में रहिए कि रह जाए आबरू, ऊपर जो देखना है तो पगड़ी सँभालिये
बिखरने के बहाने
बिखरने के बहाने तो बहुत मिल जाएँगे … आओ हम जुड़ने के अवसर खोजें..!