बड़ा आदमी वो कहलाता है

बड़ा आदमी वो कहलाता है, जिससे मिलने के बाद कोई ख़ुद को छोटा न महसूस करे..!!

ना पीछे मुड़कर देखो

ना पीछे मुड़कर देखो ना आवाज दो मुझको, बड़ी मुश्किल से सीखा है मैंने अलविदा कहना | मैं ना कहता था वक़्त ज़ालिम है, देखो, एक ख्वाब बन गए हो तुम!!

गुनाह होता तो

गुनाह होता तो माफ़ी मांग लेता… मैंने तो मोहोब्बत की थी…!!

दिल भी वही है

दिल भी वही है धड़कन भी वही हैं…!!बस सुनने वाले की नीयत बदल गई है…!!

मुझे घमंड था

मुझे घमंड था की मेरे चाहने वाले बहुत है इस दुनिया में, बाद में पता चला की सब चाहते है अपनी ज़रूरत के लिए |

बेहद हदें पार की

बेहद हदें पार की थी हमने कभी किसी के लिए, आज उसी ने सिखा दिया हद में रहना….!!

ख्वाईश दो निवालों की

ख्वाईश दो निवालों की हमे बर्तन की हाजत क्या, फ़खिर अपनी हथेली को ही दस्तरख्वान कहते हैं|

बस मुस्करा दो..

बस मुस्करा दो.. तबियत ख़ुश हो जाती है मेरी.. सारे शहर में ढूँढ लिया.. हकीम तुम सा नहीं..

मन तो करता है

मन तो करता है कि तुझे पहचानने से भी इंकार कर दूँ…… . . पर क्या करूँ… तू मिले तो अच्छा ना मिले तो और भी अच्छा… पर सुन ! मैं कम अच्छे में भी खुश हूँ….

तेरे ही ख्याल पर

तेरे ही ख्याल पर खत्म हो गया ये साल.. तेरी ही ख्वाहिश से शुरू, हुआ नया साल….

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